आयरलैंड की सहायता एजेंसी कंसर्न वर्ल्ड वाइड और जर्मन संगठन वर्ल्ड हंगर लाइव द्वारा 15 अक्टूबर 2019 को संयुक्त रूप से ग्लोबल हंगर इंडेक्स का 14 वां वार्षिक संस्करण प्रकाशित किया गया।
यह सूचकांक मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन और भूख के बीच संबंध पर केंद्रित था। वर्ष 2019 की रिपोर्ट को जानने से पहले आइए ग्लोबल हंगर इंडेक्स के बारे में जानते हैं
ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स वैश्विक क्षेत्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर भू के स्तर का पता लगाने तथा इसके लिए व्यापक उपाय सुलझाने के लिए तैयार किया गया एक साधन है। इन से भूख के विरुद्ध संघर्ष किस समाज और जागरूकता बढ़ाने में सहायता मिलती है तथा देशों के बीच बुक के स्तर की तुलना का एक तरीका उपलब्ध होता है।
- यह सूचकांक देशों को एक 100 पॉइंट पैमाने के आधार पर रैंक प्रदान करता है जिसमें 0 सर्वश्रेष्ठ स्कोर और 100 सबसे बुरा स्कोर है फुल टॉप 10 में से कम का स्कोर निंबू के स्तर को इंगित करता है 10.06 से 19.9 तक मध्यम को 20 से 34.9 तक गंभीर भूख को 35 से 49.9 तक खतरनाक स्तर को और 50 से अधिक स्कूल बेहद चिंताजनक स्तर को इंगित करता है
- जी एच आई गंभीरता स्केल संभावित जी एच आई सीमा के साथ जुड़ी हुई बुक का गंभीरता को दर्शाता है
जी एच आई स्कोर की गणना
- जी एच आई स्कूल की गणना प्रतिवर्ष बुक का मुकाबला करने में रखती और असफलताओं का आकलन करने के लिए की जाती है।
- जिओ चॉइस को एक फार्मूला पर आधारित है जो भूख के तीन आयामों अनियमित भोजन आपूर्ति बाल पोषण और बाल मृत्यु दर पर केंद्रित है
जी एच आई स्कूल की गणना में एक तीन स्तरीय प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है
- चार घटक संकेतों के लिए मान प्रत्येक देश के लिए उपलब्ध आंकड़ों से निर्धारित किए जाते हैं।
- चार घटक संकेतों में से प्रत्येक को हाल के दशकों में वैश्विक स्तर पर सूचना के लिए सर्वोच्च हम लोग कनस्तर के आधार पर 100 पॉइंट के पैमाने पर एक मानकीकृतदिया जाता है।
- प्रत्येक देश के लिए जी एच आई स्कोर की गणना करने के लिए मानकीकृत इसको एकत्रित किए जाते हैं
चार संकेतक
- यह सूचकांक अल्प पोषण वेस्टिंग टाइम और बाल मृत्यु दर नामक चार संकेतों पर आधारित है। 2019 की रैंकिंग उपरोक्त संकेतों पर आधारित है।
- हैप्पी जिंबाब्वे और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में अल्प पोषण की सर्वोच्च दार है जो कि 49.3% से 59.6% के मध्य
- बच्चों में स्टंटिंग या आयु के अनुसार कम भर किधर मेडागास्कर बुरुंडी और यमन में सर्वोच्च है जहां 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों में आधे से अधिक स्टंटिंग से पीड़ित हैं
- वेस्टिंग कद के अनुसार कम भार या मन की बूटी और भारत में सर्वाधिक प्रचलित है जहां इसकी दर 17.9 परसेंट से 20.8 परसेंट तक है
- मध्य अफ्रीकी गणराज्य 12.2 प्रतिशत 12.3% और सोमालिया 12.7% में अंडर 5 बाल मृत्यु दर सर्वाधिक है
, जी एच आई 2019 वैश्विक रिपोर्ट
- जिओ चाय 2019 की गणना 117 देश को जिनका डाटा उपलब्ध था के लिए की गई और या डाटा वर्ष 2014 से 2018 तक के लिए था।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 संकेत करता है कि 20.0 के जी एच आई स्कोर के साथ विश्वभर में भूख और अल्प पोषण का स्तर मध्यम और गंभीर श्रेणी के मुहाने पर खड़ा है।
- ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2019 में बेलारूस को शीर्ष स्थान मिला है जिसके बाद बोस्निया हैंड बुल्गारिया कार्यक्रम साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर है
- बेलारूस यूक्रेन तुर्की क्यूबा और कुवैत छात्र आदेश हो 5 से कम के स्कोर के साथ शीर्ष स्थान साझा करते हैं।
- 17 देशों में से 43 देशों को भूख के गंभीर ट्रैक्टर के रूप में स्थान दिया गया है।
जी एच आई 2019 भारत की रिपोर्ट
- वर्ष 2019 में भारत को 117 देशों में 102 वां स्थान मिला है जबकि 2018 में 119 देशों में से 3 व स्थान था।
- भारत को 30.3 किसको प्राप्त हुआ जब इंगित करता है कि देश में भूख का स्तर गंभीर है।
- भारत का ghi4 वर्ष 2005 में 38.9 से 2010 में 32 तक और फिर वर्ष 2010 से 2019 के बीच 32 से 30.3 हो गया है।
- भारत को अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल और श्रीलंका सहित अन्य दक्षिण एशियाई देशों से नीचे की रैंकिंग में ली है।
- भारत और 45 देशों में से एक है जहां भूख गंभीर संकट का कारण बन सकती है।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत में बाल बर्बादी की दर विश्व भर में सर्वाधिक 20.8% है जबकि भारत में बाल स्टैंडिंग की दर 37.9% है।
- भारत में अंडर 5 बाल मृत्यु दर बच्चों में स्टैंडिंग का प्रसाद क्षेत्रों में सुधार दिया है और आप पर्याप्त भोजन के कारण अल्प पोषण की व्यापकता है।
- भारत में 6 से 23 माह के बीच की आयु के सभी बच्चों में से केवल 9.6 परसेंट को एक न्यूनतम स्वीकार्य आहार खिलाया जाता है।
- इस रिपोर्ट में भारत में खुले में सोच पर भी देख प्रभावी कारक के रूप में ध्यान दिया गया है। यह बताती है कि 2015 16 तक 90 पर्सेंट भारतीय परिवारों में एक बेहतर पेयजल स्त्रोत का उपयोग किया था जबकि 39% परिवारों में कोई स्वक्षता सुविधा नहीं थी।